चाय के कप से उठते धुंए में
तेरी शकल नज़ार आती है,
ऐसे खो जाते है तेरे ख्यालों में
की अक्सर मेरी चाय ठंडी हो जाती है.
चाय के कप से उठते धुंए में
तेरी शकल नज़ार आती है,
ऐसे खो जाते है तेरे ख्यालों में
की अक्सर मेरी चाय ठंडी हो जाती है.
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