आ जाओ किसी रोज़ तुम तो तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ ! साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ ! चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह ! तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ !
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