अपने हाथों से यूँ चेहरे को छुपाते क्यूँ हो, मुझसे शर्माते हो तो सामने आते क्यूँ हो, तुम भी मेरी तरह कर लो इकरार-ए-वफ़ा अब, प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूँ हो?
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