नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली, ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली, तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा, एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।
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