सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की, रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की, कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज, दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।
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